दिल ये ज़िद्दी है....





 
" ज़िद्दी " कितना नकारात्मक शब्द माना जाता है ना। बचपन से हम सुनते आए हैं कि ज़िद मत करो, ज़िद्दी होना बुरी बात है। एक तरह से ये बात सही है कि लेकिन वाक्य अधूरा है सही वाक्य यह होगा कि " बेवजह की ज़िद बुरी बात है।" मतलब हर ज़िद बुरी नहीं होती।
 "ज़िद करो दुनिया बदलो" यह वाक्य याद होगा तो शायद आपको मेरे कहने का तात्पर्य जल्दी समझ आएगा। खैर न भी याद हो तो कोई बात नहीं।
    आपको ज़िद को समझना होगा ज़िद आखिर होती क्या है ? अपनी मांग को लेकर दृढ़ रहना ही तो ज़िद है।  जब तक मांग पूरी नहीं हो जाए बात पर अड़े रहना, चाहे कुछ हो जाए, चाहिए मतलब चाहिए ही, इस तरह की भावना ही ज़िद है। जिसमें हम कह सकते हैं कि मांग की पूर्ति के अलावा कोई रास्ता नही होता कोई चीज़ बीच मे नहीं आ सकती कोई समझौता नहीं हो सकता।
    तो क्या हो अगर आप इस तरह की ज़िद किसी अच्छी आदत या अच्छी बात के लिए करें और खुद से इस तरह की ज़िद करें। मसलन, आपकी ज़िद हो स्वास्थ्य को लेकर कसरत करने की, किसी नई भाषा (जैसे अंग्रेज़ी) सीखने की, इसी तरह किसी लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर आपकी ज़िद हो । 
    जिसमें आपको लक्ष्य प्राप्ति के अलावा और कुछ मंज़ूर ना हो, आपके और आपके लक्ष्य के बीच कोई बहाना ना आए। अर्थात आपकी चाहतों, आपके सपनों को लेकर आपकी दृढ़ता बहुत बढ़ नही जाएगी अगर ये ज़िद्द में तब्दील हो जाएगी।
   इसलिए मेरा मानना है व्यक्ति का इस तरह ज़िद्दी होना वाज़िब ही नहीं लाभदायक भी है। बशर्ते आप अपनी ज़िद को लेकर परिपक्व हों साथ ही ये ज़िद की ज़िम्मेदारी ख़ुद पर समझें। ज़िद ख़ुद से होनी चाहिए कि आपको ये ज़िद पूरी करनी है कोई और या कोई परिस्थिति इसके लिए ज़िम्मेदार नही है। 
साथ ही उम्मीद है आप में किसी भी बात को लेकर व्यवहारिक नज़रिया जरूर होगा। कहीं ऐसा ना हो कि आप अव्यवहार्य किस्म की, न पूरी हो सकने वाली ज़िद करके बैठ जाएं और फायदे की बजाए आपको नुकसान उठाना पड़े । एक परिपक्व व्यक्ति के तौर पर सोच समझकर आपको कोई ज़िद करनी चाहिए वरना बात उसी तरह हो जाएगी की "बेवजह की ज़िद बुरी होती है"।
   अंत मे कहें तो ज़िद कुछ ऐसी होती है कि अगर मुझे शर्त जीतने की ज़िद है और आप मेरे साथ ट्रेडमिल पर दौड़ें तो मैं जीतने की ज़िद में शायद ट्रेडमिल पर दौड़ते दौड़ते मर जाऊं। कृपया इस कहानी में शब्दों के बजाए भावना पर ध्यान दीजिएगा, चाहिए तो आप इसके ठीक ऊपर का पैराग्राफ फिर से पढ़ सकतें हैं। 

  

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