अनसुलझी पहेली और आदर्शवादी जवाब..
शीर्षक की तरह ही है आज का मुद्दा कुछ अनसुलझा सा। क्या आप लोगो के दिमाग मे कभी ये ख़याल आया है कि हमारे आस पास के कुछ लोग ऐसे क्यूँ हैं ? ऐसे मतलब जो इंसानियत से पहले किसी और चीज़ को तवज्जो देते हैं जैसे धन, ओहदा आदि। इन लोगो की समझदारी पर आश्चर्य होता है कि कैसे - कैसे तरीकों को अपनाते हैं ये लोग अपने फायदे के लिए। लेकिन मुझे समझ नही आता कि ये आखिरकार इनके लिए फायदेमंद होता भी है या नहीं। ये लोग तात्कालिक फायदे को ही हमेशा नज़र में कैसे रख सकते हैं। क्या गलत तरीके से कमाया गया पैसा या फायदा उनकी आने वाली पीढ़ी को आरामपसंद औऱ कामचोर बनाने की राह पर नहीं ले जाता। वो क्या उसूल पेश करते होंगे अपने बच्चों के आगे, क्या ये ही बच्चे भविष्य में पैसे के आगे अपने बूढ़े माता पिता को तवज्जो देंगें। मेरा ख़याल है अपने जीवन मे हमे कम से कम कुछ अच्छे कर्म तो करने ही चाहिए जिनकी मिसालें आने वाली पीढ़ियों को दी जा सके। अपने बच्चों के लिए कुछ अच्छे और सच्चे किस्से सहेजिये। साथ ही कुछ लोग इन तथाकथित समझदारों से बिल्कुल उलट होते हैं जिन्हें नफा- नुकसान ज्यादा समझ नही आता। तो, ये सिर्फ अपने