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Showing posts from January, 2019

ज़िंदगी में गाने या गानों में ज़िंदगी...

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वैसे शीर्षक अपनी कहानी आप बयाँ करने में सक्षम है, इसलिए चलिए सीधे आगे बढ़ते हैं। मैंने आजतक किसी इंसान को नहीं देखा जो गानों से सरोकार ना रखता हो। आजकल के युवाओं की बात करने की तो जरूरत ही नहीं और इनके आगे और पीछे की पीढ़ी भी बिना अपवाद संगीत(गाने) से जुड़ी हुई है लेकिन यदि आप और पुरानी पीढ़ी को देखेंगे तो वे भी पुराने गीत या भजन जानते ही होंगे।   तो, यह सब बातें किस ओर इशारा करती है? ये बताती है कि ज़िन्दगी के हर पड़ाव या पल में संगीत प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर मौजूद रहता है। आप चाहे कहीं भी हों किसी भी मूड में हों संगीत के विशाल सागर में आपको उस हिसाब का मोती मिल ही जायेगा। संगीत न सिर्फ आपको सुकून, शांति व मनोरंजन देता है बल्कि वह आपका साथ भी देता है। हर एक भाव मे गाने आपका साथ दे सकते हैं एक दोस्त की तरह।   मेरे हिसाब से सबसे कठिन समय अर्थात मुश्किल दौर में इनका महत्व सबसे ज्यादा समझ आता है । तो, संगीत का गुणगान यहीं खत्म कर मैं कुछ गानों की सूची देना चाहती हूँ जिसकी जरूरत आजकल की ज़िन्दगी में सभी को पड़ती है। इस सूची में क्रम का महत्व नहीं है लेकिन हाँ, पहला गाना वास्तव में प्

फिलोसॉफी झाड़ना....

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फिलोसॉफी झाड़ना, शिर्षक थोड़ा ज्यादा देसी हो गया नई। दरअसल इसी शब्द से मेरी बात स्पष्ट हो पाएगी। हमारे समाज मे प्रचलन है अपनी-अपनी फिलोसॉफी(दर्शन) झाड़ने का जो एक अच्छी बात भी है। क्योंकि विचार फैलाने, चर्चा करने में भला क्या बुराई| दरअसल बुराई तब आती है जब लोग अपनी फिलोसॉफी दूसरों पर थोपने लगते हैं और अपनी फिलोसॉफी को सही व सामने वालों की फिलोसॉफी को गलत सिद्ध करने पर तुल जाते हैं।    चलिए अब मुद्दे पर आगे बढ़ते हैं। मैं खुद भी यहाँ फिलोसॉफी ही झाड़ने वाली हूँ। मुद्दे की बात यह है कि हर फिलोसॉफी का मूल उद्देश्य होता है खुशी । मतलब कोई भी फिलोसॉफी अपनाओ, आप खुश हो तो यह फिलोसॉफी आपके लिये सही; अब यह जरूरी नहीं कि ये दूसरों के लिए भी सही हो ।   मान लो आपको पसंद है आज के लिए ही जीना मतलब बचत नहीं करना और हर पल का मज़ा लेना । इस तरह जीना की कल हो न हो..जो खाना है जी भर कर खाओ, जो करना है अभी ही कर लो । उम्मीद है इतने से आप समझ गए होंगे मेरा भाव, और शायद यह भी की मेरी फिलोसोफी भी यही है। हाँ, कुछ हद तक आपका अनुमान सही भी है।    तो चलो दूसरे किस्म के लोगो की बात करते हैं वो लोग जिन्हें भवि