हिन्दुस्तानी हैं हम, हिन्दुस्तानी हैं..........................
हिन्दुस्तानी हैं हम, हिन्दुस्तानी हैं..........................| ये एक पुराने विज्ञापन का थीम सोंग है शायद आप मे से कुछ को याद हो | जिसमें एस भारतीय जोड़ा तोहफे के रैपर (चमकीली पन्नी) को भी संभाल कर रखता है | मुझे तो बस इतना ही याद है और शायद यही पर्याप्त भी है | यंहा मै यह कहना चाह रही हूँ की चीजो को पूरी तरह से उपयोग करना या कहें की बर्बाद न करना हम भारतियों की पहचान है | हालाँकि आज हमने इसे छोटे नजरिये से देखना शुरू कर दिया है | आजकल हमारी प्रकृति कुछ एसी हो गई है की हम कोई वस्तु बिगड़ने पर उसे सुधरवाने की जगह नई लेना पसंद करते हैं | चाहे फिर वो एक साधारण सा पेन हो (जिसमे रिफिल डाली जा सकती है) या कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट(मोबाइल,लैपटॉप,पंखा आदि), हम उसे सस्ते में बेचकर या कचरे में फेककर तुरंत नया ले आते हैं | लेकिन इसमें गलती सिर्फ हमारी नही है | इसके लिए हमारी व्यस्त दिनचर्या के साथ-साथ कुछ और बातें भी जिम्मेदार हैं | पहली बात, वस्तुएं ही एसी आ रही हैं जिन्हें सिर्फ एक बार उपयोग कर फेकने की सिवा कोई विकल्प नही होता (पेन,टिशु पेपर,डिस्पोजल आदि) | दूसरी बा