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पूर्वानुमान के जोखिम

   पूर्वानुमान कितना सरल से शब्द है ना लेकिन कितनी कठिनाइयाँ पैदा कर देता है। यकीनन आप भी अपनी ज़िंदगी मे बहुत से पूर्वानुमान लगते होगें कई बार ये किसी घटना के बारे में होते हैं और कई बार किसी व्यक्ति के बारे में। हम यहाँ व्यक्तियों के बारे में लगाये जाने वाले पूर्वानुमान या अंदाजे की बात करेंगे। किसी व्यक्ति को देखते ही हम उसके बारे में पूर्वानुमान लगाना शुरू कर देते हैं कि व्यक्ति कैसा होगा,क्या करता होगा आदि। हमारा ये पूर्वानुमान हमारे अनुभवों और जानकारियों पर आधारित होता है। एक तरह से ये हमे अपने आस पास के लोगो को समझने उन्हें त्वरित प्रतिक्रिया देने में मदद करता है । कई लोग तो इसमें विशेषज्ञ होते हैं और अपने पूर्वानुमान की सटीकता की गारंटी भी ले लेते हैं। लेकिन पूर्वानुमान हमेशा खरे नहीं उतरते कई बार हमें विपरीत परिणाम भी मिलते हैं। यद्यपि सन्तुलित रूप से अगर पूर्वानुमान लगाया जाए, जो लचीला भी हो तो वह अच्छा होता है जैसे, आपने किसी लड़के को देखकर अंदाज़ा लगाया कि वह नौसिखिया है जबकि आप जब उसका काम देखते हैं तो उसकी दक्षता से प्रभावित हो जाते हैं यहां आपने पूर्वानुमान तो लगाया जो गलत

शहीद....योद्धा...वीर...रंगों के पीछे का स्याह पक्ष ?

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शहीद, योद्धा, वीर इस तरह के शब्द सुनते ही किसकी छवि आती है आपके मन में ? शहीद भगतसिंह, योद्धा  झांसी की रानी, वीर शिवाजी...इसी तरह के नाम आपके ज़हन में आते होंगे। बेशक आने भी चाहिए क्योंकि ये हस्तियाँ अपने जज़्बे, अपने काम से स्वयं को अमर कर गई।   यहाँ बात किसी पर सवाल उठाने की नहीं है। बात सिर्फ एक उपेक्षित मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करने की है। ज़ाहिर तौर पर बहुत लोगो की भावनाएं उपरोक्त नामों से जुड़ी है और बता दूं कि उनमें मैं भी शामिल हूँ। इन सभी का बिना किसी शर्त सम्मान करते हुए मैं अपनी बात रखना चाहूँगी।  दरअसल मसला यह है कि इतिहास पढ़ते हुए एक विचार दिमाग में कौंधा। फ़लाँ राजा की बेटी का विवाह सन्धि के तहत किसी राजा से कर दिया गया, राज्य जीतने पर पराजित राजा की रानियाँ अधीन कर ली गईं, सौदे या समझौते में महिलाओं को वस्तु की तरह लिया गया। क्या ये सब बातें आपको सोचने पर मजबूर नहीं करती ?   किसी राज्य की सुरक्षा या भलाई हेतु एक राजकुमारी या किसी भी महिला को सौंप दिया जाता है किन्ही भी हाथों में, यहाँ सवाल संबंधित राजा की मजबूरी या राष्ट्र की भलाई या व्यवहारिक रास्ते का नहीं। सवाल है महिला के

जो दिखता है वो बिकता है.....सही है ?

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शीर्षक के शब्दों पर नहीं भाव पर जाइए क्योंकी यहाँ ये बात इंसानों के परिप्रेक्ष्य में कही जा रही है।  आज की दुनिया डिजिटल होती जा रही है साथ ही उपभोक्तावादी भी। जहां हम चीजों को उसके बाहरी आवरण से आंकते हैं और उसी के अनुसार उसे अपनाते हैं। हालांकि, बाद में हमारे विचार उस वस्तु के प्रति बदल भी सकती है।    ईमानदारी से सोचे तो हम व्यक्तियों के साथ भी क्या इसी तरह का तरीका नहीं अपनाते ? अधिकांश लोग ऐसा ही करते हैं और जो शेष हैं वो भले रूप के आधार पर किसी के साथ बुरा व्यवहार न करें लेकिन कई बार रूप से प्रभावित होकर व्यवहार जरूर करते होंगे।   कुछ लोग अपवाद के रूप में बेशक मौज़ूद हैं जो दोनों वर्गों में नहीं आते। खैर हम यहां सामान्य लोगों की बात कर रहे हैं। तो फिर से मुद्दे पर आते हैं, क्या ये बाहरी दिखावा हमे कई बार सच्चाई से दूर नहीं ले जाता ? क्या इसके कारण कुछ लोगों की प्रतिभा या गुण छिपे नहीं रह जाते ? क्या कुछ लोगों के साथ रूप के आधार पर जाने-अनजाने किए गए व्यवहार से अन्याय नहीं होता ?   आजकल के दौर में विभिन्न तकनीकों ओर उत्पादों ने भी इसे बढ़ावा दिया है। उदाहरण के तौर पर सेल्

दिल ये ज़िद्दी है....

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  " ज़िद्दी " कितना नकारात्मक शब्द माना जाता है ना। बचपन से हम सुनते आए हैं कि ज़िद मत करो, ज़िद्दी होना बुरी बात है। एक तरह से ये बात सही है कि लेकिन वाक्य अधूरा है सही वाक्य यह होगा कि " बेवजह की ज़िद बुरी बात है।" मतलब हर ज़िद बुरी नहीं होती।  "ज़िद करो दुनिया बदलो" यह वाक्य याद होगा तो शायद आपको मेरे कहने का तात्पर्य जल्दी समझ आएगा। खैर न भी याद हो तो कोई बात नहीं।     आपको ज़िद को समझना होगा ज़िद आखिर होती क्या है ? अपनी मांग को लेकर दृढ़ रहना ही तो ज़िद है।  जब तक मांग पूरी नहीं हो जाए बात पर अड़े रहना, चाहे कुछ हो जाए, चाहिए मतलब चाहिए ही, इस तरह की भावना ही ज़िद है। जिसमें हम कह सकते हैं कि मांग की पूर्ति के अलावा कोई रास्ता नही होता कोई चीज़ बीच मे नहीं आ सकती कोई समझौता नहीं हो सकता।     तो क्या हो अगर आप इस तरह की ज़िद किसी अच्छी आदत या अच्छी बात के लिए करें और खुद से इस तरह की ज़िद करें। मसलन, आपकी ज़िद हो स्वास्थ्य को लेकर कसरत करने की, किसी नई भाषा (जैसे अंग्रेज़ी) सीखने की, इसी तरह किसी लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर आपकी ज़िद हो ।      जिसमें आपक