रिलेक्स मोड

कभी-कभी व्यक्ति को कुछ समय के लिए रिलेक्स मोड में चले जाना चाहिए इस दौरान ज़िन्दगी को कुछ धीमी गति से जीना चाहिए...अपनी पसंद की चीजें करना अपने मन की सुनना और ज़िन्दगी की चूहा दौड़ से अलग होकर कुछ ऐसे पल बिताना जो आपको अहसास कराएं की हाँ, मै खुश हूँ अब भी इस समय भी, मेरे आस पास सब कुछ वाकई कितना अच्छा है । पढ़ाई या काम के बोझ को थोड़ा किनारे कर ज़िन्दगी के अन्य पहलुओं पर नज़र डालने वाला समय जो कहीं न कहीं आपको प्रेरित भी करता है क्योंकि कई बार ऐसा भी होता है कि मेहनत और असफलता के बाद हम हताश हो जाते हैं और सोचते हैं कि मैने इसे पाने के लिए क्या नहीं किया, हर पल इसके प्रति समर्पित रहा, हर समय अनुशासन का जीवन जीया, कभी समय बर्बाद(तथाकथित) नहीं किया, पढ़ने या काम के अलावा कभी किसी चीज पर ध्यान नहीं दिया, पर देखो, तब भी मुझे असफलता मिली। ये मायूसी आपको हताश कर देती है, आपके विचारों की नकारात्मक बना देती है आपको स्वयं पर एक तरह से तरस या दया आती है कि इसके लिए सारी इच्छाओं का दमन किया और उसका क्या सिला मिला। तो, जब आप इन सब(कार्यप्रणाली) के बीच थोड़ा समय अपने लिए निकालेंगे तो आपको कभी मलाल नहीं होगा की आपको बहुत सी चीजें छोड़नी पड़ी। आप मेहनत तब भी करेंगे क्योंकि आपके अंदर वो आग है, वो जुनून है, लक्ष्य को पाने का, बस कुछ समय का ब्रेक आपको लक्ष्य और ज़िन्दगी के बीच संतुलन बनाने का मौका देगा। हालाँकि हममे से कइयों के लिए लक्ष्य और ज़िन्दगी दोनों एकसार ही हो जाते हैं और लक्ष्य प्राप्ति की दिनचर्या उन्हें स्वयं ऊर्जा और सुकून देता है। कुछ इस तरह की अपने काम करने में ही उन्हें आनंद मिलता है, बेशक ऐसा होता है और यह बहुत अच्छी बात भी है, पर तब भी इस सफर में कुछ पल का आराम आपको नवीन ऊर्जा से भर देगा ये आपको सफर की बोरियत या कहें कि लगातार एक जैसी जीवनशैली से पनपने वाली बोरियत से निजात दिला कर फिर से आपमें उत्साह भर देगा। तो, आजकल की इस अनिश्चितता भरी जिंदगी में जहाँ कब क्या हो जाये कोई अंदाज़ा नहीं, आपको कुछ समय सुकून के तलाशने चाहिए। जीवन की भाग दौड़ में आपको आगे जाकर अफसोस नहीं होना चाहिए कि मैंने ये नहीं किया वो नहीं किया, हर छोटी-छोटी चीज का लुफ़्त उठाइये चाहे वो अपनी पसन्दीदा फ़िल्म देखना हो, अपनी हॉबी के काम करना हो, देर से उठना हो या दिन भर सुस्ताना, किसी अज़ीज़ से मिलना हो या दोस्तों के साथ गप्पे मारना। चाहे दो दिन के लिए ही सही वो सब कीजिये जो आप करना चाहते हैं वो भी जो आप भविष्य के लिए बचाकर रखतें है कि ऐसा हो जाएगा तब में दोस्तों के साथ वक्त बिताऊंगा वगैरह वगैरह । इसे आप कुछ इस तरह भी कर सकतें हैं कि अपने लिए कोई टारगेट रखिये पढ़ने या काम का जो कम समय मे करना हो उसे पूरा कीजिये और इनाम के तौर पर खुद को ब्रेक दे दीजिए। याद रखिए "ज़िन्दगी में सुकून ढूंढिये क्योंकि जरूरतें तो कभी खत्म नहीं होगीं।"

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