Process of Healing / "राहत की प्रक्रिया"
हर इंसान राहत चाहता है कोई दर्द से तो कोई तकलीफों से। ये दर्द और तकलीफ मानसिक भी हो सकती है, शारिरिक भी । तो आज हम इन सबसे राहत की जो प्रक्रिया होती है उसकी चर्चा करेंगे । ये बस एक चर्चा होगी कोई उपाय नहीं या निष्कर्ष नहीं। हालांकि हो सकता है चर्चा के दौरान हम किसी उपाय तक पहुँच जाए। देखा जाए तो ये बस मेरे अनुभवों और निरिक्षणों को साझा करने की भाँति है। तो चलिए शुरू करते हैं, अगर हम किसी शारिरिक पीड़ा की बात करें जैसे मान लिजिए आप दिनभर शारिरिक श्रम या वर्जिश के चलते थक गए हैं या ये थकान कई दिनों कि है। तो क्या होता है जब आप विश्राम की अवस्था में जाते हैं मतलब रात को या किसी भी समय जब आप लेटते हैं तब कुछ समय बाद आपको क्या महसूस होता है? यकीनन आपका दर्द बढ़ जाता है आपके शरीर के वे सभी अंग जो थक गए थे अब पहले से ज्यादा दर्द करने लगते हैं कई बार ये दर्द इतना बढ़ जाता है कि आप सो भी नहीं पाते। तो ये सब क्या हो रहा है ?आपको लगता है, इससे अच्छा तो आराम ही नहीं करना चाहिए था ।जबकि आराम तो एक राहत की प्रक्रिया है आपको शरीर की थकावट दूर करने का जरिया | पर इस प्रक्रिया ने आपका दर्द बढ़ा दिय