टैक्स चोरी इतनी आसान है क्या ???
हमारे देश के लगभग सवा करोड़ (1 %) लोगों के पास देश की कुल संपत्ति का 16 % है जबकि हाल ही में प्रकाशित सरकारी रिपोर्ट के अनुसार लगभग 18,000 लोगो ने ही अपनी संपत्ति 1 करोड़ से अधिक होना स्वीकारा है | मतलब देश में सिर्फ कुछ ही लोग करोडपति हैं ? इसका जवाब तो हम सभी अच्छे से समझतें हैं | खैर , मैं यहाँ आपको आंकड़ो के फेर में उलझाना नही चाह रही बस आप इस अंतर को अच्छे से समझें इसलिए मैंने इनका सहारा लिया | जरा सोचिये शायद हमारे देश के अमीर अरबपति तो हैं लेकिन करोडपति नही, इसलिए वे आयकर नही भरते ??? एक साधारण नौकरी पेशा व्यक्ति(सरकारी व गैर-सरकारी) यदि उसके अन्य आय को न देखें तो, अपनी तनख्वाह का आयकर TDS (आम भाषा में कार्यालय द्वारा ही कर्मचारी का टैक्स भरना ) आदि के माध्यम से भर ही देता है| अब बात करें व्यापारी वर्ग की तो मुझे उनके विषय में ज्यादा जानकारी नही है | मेरे एक परिचित से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया की एक बड़े व्यापारी को बैंक का लेन-देन तो करना ही पड़ता है मतलब पेन कार्ड के माध्यम से उसकी निगरानी काफी हद तक संभव है | पर जब टैक्स भरने की बारी आती है